राष्ट्रपति जी की बगिया में घूमना है? आपका इंतज़ार अब खत्म होने वाला है क्योंकि मुग़ल गार्डन 6 फरवरी को खुलने वाला है ।
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दिल्ली वालों के साथ – साथ, देसी और विदेशी पर्यटकों को भी मुगल गार्डन के खुलने का इंतजार रहता है। हर वर्ष मुगल गार्डन 5 या 6 फरवरी को खुलता है और पूरे एक महीने तक आम जनता और सैलानियों से गुलज़ार रहता है। इसके बाद 10 मार्च के आस-पास इसे बंद कर दिया जाता है। इस साल भी मुगल गार्डन आम जनता के लिए 6 फरवरी से 10 मार्च के बीच खोला जाएगा। तो हो जाइए तैयार, दुनियाभर की विभिन्न प्रकार की प्रजातियों के रंग-बिरंगे फूल अपने पार्टनर संग देखने के लिए।
किसने बनवाया था मुगल गार्डन ?
भारत की स्वतंत्रता से पहले राष्ट्रपति भवन का नाम वायसराय हाउस (Vice Regel Palace) था। जब 1911 में अंग्रेजों ने यह तय किया कि अब भारत की राजधानी कोलकाता की जगह दिल्ली होगी, उस समय वायसराय हाउस को नए तरीके से डिज़ाइन करने के लिए वास्तुकार एड्विन लैंडसियर लूटियंस को ज़िम्मेदारी सौपी गयी। लुटियंस मुगल कला से प्रभावित था और उसी कला को ध्यान में रखते हुए उसने इस गार्डन को डिजाइन किया। इसीलिए इस गार्डन का नाम मुगल गार्डन रखा गया।
कहां है मुगल गार्डन ?
मुगल गार्डन भारत की राजधानी नई दिल्ली में है और राष्ट्रपति भवन (नॉर्थ एवेन्यू) के पीछे की तरफ स्थित है। सैलानियों के लिए प्रवेश व निकासी की व्यवस्था राष्ट्रपति भवन के गेट नंबर 35 से होती है। यह गार्डन लगभग 13 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। मुगल और ब्रिटिश स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना है मुगल गार्डन। यहां ब्रिटिश और मुगल स्टाइल में झरने और अन्य कलाकृतियों का निर्माण किया गया है।

मुग़ल गार्डन के लिये सबसे नज़दीकी मेट्रो स्टेशन
मुगल गार्डन के लिए सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन केंद्रीय सचिवालय (Central Secretiet) है। यह मेट्रो स्टेशन वायलेट और येलो मेट्रो लाइन से जुड़ा है। इस मेट्रो स्टेशन पर पहुंचकर आपको मुगल गार्डन जाने के लिए रेल भवन की तरफ से बाहर निकलना चाहिए। इससे आपको राष्ट्रपति भवन का गेट नंबर 35 पास पड़ेगा।
खुलने का समय और प्रवेश शुल्क
सबसे अच्छी बात यह है कि इस गार्डन में भरपूर समय बिताने, मुगल कला और ब्रिटिश आर्ट को देखने के लिए आपको किसी तरह का शुल्क नहीं देना है। यहां प्रवेश निःशुल्क है। यह गार्डन हर रोज सुबह साढ़े 9 बजे से शाम 4 बजे तक आम पब्लिक के लिए खुला रहता है। सोमवार को यह गार्डन साफ-सफाई और मेंटेनेंस के लिए बंद रहता है।
ध्यान रखने योग्य बातें
आप जब भी मुगल गार्डन घूमने जाएं तो वहां जाते समय पानी की बोतल, फास्ट फूड या चिप्स के पैकेट, ब्रीफकेस, बड़े हैंडबैग व लेडीज पर्स, कैमरा, रेडियो और ट्रांजिस्टर, खाने के डिब्बे, छाता या अन्य उपकरण न लेकर जायें अन्यथा इन्हें बाहर ही रखवा लिया जायेगा ।
अंदर मिलने वाली सुविधायें
आवश्यकता की चीजों जैसे पानी की बोतल और खाने के सामान की चिंता न करें। आपको यह सब चीजें अंदर ही मिल जाएंगी। आपको मुगल गार्डन के अंदर पीने का पानी, ड्रिंक्स, शौचालय, प्राथमिक उपचार और बच्चों के लिए आराम की जगह मिल जाएगी।
क्या है विशेष ?
देश में गार्डन और इको पार्क तो बहुत हैं लेकिन मुगल गार्डन में देखने लायक है मध्य युगीन विरासत और कला। 13 एकड़ में फैला यह पार्क 175 मीटर चौड़ा है जो की चार भागों में बांटा गया है – चतुर्भुजकार उद्यान, लंबा उद्यान, पर्दा उद्यान और वृत्ताकार उद्यान। यहां करीब 3000 से ज्यादा प्रकार के फूलों के पौधे हैं। जिनमें करीब 135 प्रकार के तो केवल गुलाब हैं। यहां 33 प्रकार की जड़ी बूटी के पौधे और 300 तरह की बोनसाई देखने को मिलती हैं।
पार्किंग की व्यवस्था
मुगल गार्डन के पास पार्किंग की व्यवस्था भी है। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद ने इस गार्डन को आम जनता के लिए खोलने का आदेश दिया था। तभी से हर साल 6 फरवरी से लेकर 10 मार्च तक यह गार्डन देश के आम लोगों के लिए खोला जाता है।
तो कब आ रहे हैं आप मुग़ल गार्डन की सैर पर ?
संक्षेप में सभी जानकारियों से अवगत करवाता लेख। इस बार मैं भी जाने की सोच रहा हूँ। जल्द ही एक दौरा मारा जायेगा।
जरूर जाइये।